विश्वकर्मा जयंती पर निबंध | Vishwakarma puja in hindi

विश्वकर्मा जयंती निबंध

भगवान विश्वकर्मा की जयंती हर साल 17 सितंबर को मनाई जाती है, इसे विश्वकर्मा पूजा के नाम से भी जानते हैं. लेकिन इस बार विश्वकर्मा पूजा 16 सितंबर को की जाएगी. इस दिन निर्माण के कार्य में उपयोग होने वाले हथियारों और औजारों की पूजा की जाती है.

vishwakarma puja in hindi

उद्योग जगत के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर उनकी विधि-विधान से पूजा करने से विशेष फल की प्राप्‍त‍ि होती है. ऐसी माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होते हैं, तो व्‍यवसाय में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्‍की होती है. भगवान विश्वकर्मा ने पूरी सृष्टि का निर्माण किय इसलिए इन्हें सृष्टि का निर्माणकर्ता कहते हैं.

कब मनाई जाती है विश्वकर्मा पूजा

विश्वकर्मा पूजा, यानी विश्वकर्मा जयंती हर साल कन्या संक्रांति के दिन 17 सितंबर को मनाई जाती है. लेकिन, इस साल भगवान विश्वकर्मा जयंती बुधवार, यानी 16 सितंबर को मनाई जाएगी.

भगवान विश्वकर्मा का जन्म कैसे हुआ

मान्यता है कि प्राचीन काल में सभी का निर्माण विश्वकर्मा ने ही किया था. ‘स्वर्ग लोक’, सोने का शहर – ‘लंका’ और कृष्ण की नगरी – ‘द्वारका’, सभी का निर्माण विश्वकर्मा के ही हाथों हुआ था. कथाओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा का जन्म देवताओं और राक्षसों के बीच हुए समुद्र मंथन से माना जाता है.

पूरे ब्रह्मांड के निर्माणकर्ता हैं

विश्वकर्मा :

हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा ने पूरे ब्रह्मांड का निर्माण किया है. पौराणिक युग में इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों को भी विश्वकर्मा ने ही बनाया था जिसमें ‘वज्र’ भी शामिल है, जो भगवान इंद्र का हथियार था. वास्तुकार कई युगों से भगवान विश्वकर्मा को अपना गुरु मानते हुए उनकी पूजा करते आ रहे हैं.

विश्वकर्मा पूजा की विधि

पूजा के लिए भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा को विराजित कर इनकी पूजा की जाती है, बहुत से लोग अपने कल-पुर्जे को ही भगवान विश्वकर्मा मानकर उसकी पूजा करते हैं. इस दिन कई जगहों पर यज्ञ का भी आयोजन किया जाता है.

पूजा में बैठने से पहले स्‍नान कर लें और भगवान विष्‍णु का ध्‍यान करने के बाद एक चौकी पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्‍वीर रखें.

फिर अपने हाथ में फूल, अक्षत लेकर मंत्र पढ़े और अक्षत को चारों ओर छिड़के दें और फूल को जल में छोड़ दें.

इसके बाद हाथ रक्षासूत्र मौली या कलावा बांधे. फिर भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करने के बाद उनकी विधिव‍त पूजा करें.

विश्वकर्मा पूजा पर ये काम न करें

उपकरण का न करें इस्तेमाल– मान्यता है कि इस दिन लोगों का अपने कारखाने फैक्ट्रियां बंद रखनी चाहिए. . इस दिन लोगों को किसी भी तरह की मशीनों और औजारों का इस्तेमाल करना वर्जित है.

मांस-मदिरा का सेवन न करें- इस दिन तामसिक भोजन यानि मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.

अपने व्यापार और रोजगार को बढ़ाने के लिए इस दिन दरीब और असहाय लोगों दान जरूर देना चाहिए.

रोज़मर्रा इस्तेमाल करने वाली चीजों का करें सम्मान-. स दिन किसी भी प्रकार के औजार का इस्तेमाल न करें.

उपकरण घर के ही क्यों न हों, लेकिन उनके इस्तेमाल से भी बचना चाहिए.

मशीनों को इधर-उधर बिखरने से भी बचाना चाहिए.

इस दिन किसी को भी अपने औजार उधार न दें.

विश्वकर्मा पूजा घर में ऐसे करें पूजा

– इस दिन दफ्तर के साथ ही घर में भी सभी मशीनों की पूजा करनी चाहिए. चाहे बिजली के उपकरण हो या फिर बाहर खड़ी गाड़ी, विश्वकर्मा पूजा के दिन सभी की सफाई करें. अगर जरूरी हो तो ऑयलिंग और ग्रीसिंग भी करें. इस दिन इनकी देखभाल किसी मशीन की तरह न करके, इस प्रकार करें जिससे प्रतीत हो कि आप भगवान विश्वकर्मा की ही पूजा कर रहे हैं.

भगवान विश्वकर्मा की पूजा का मंत्र

ॐ आधार शक्तपे नम: और ॐ कूमयि नम:, ॐ अनन्तम नम:, ॐ पृथिव्यै नम:

Vishwakarma Puja Wishes in hindi

विश्वकर्मा जी की है जय जयकार।
करते हैं सब पर उपकार।
इनकी महिमा है बहुत न्यारी।
अर्ज सुनो हे भगवन हमारी।।

धन, सुख–शान्ति देना,
भय, भूख से मुक्ति देना।
लड़ने की शक्ति देना,
हे श्रिस्टी के कर्मा ,मेरे विश्वकर्मा।।

निर्बल हैं तुम से बल चाहिए
करुणा के प्रयास से जल चाहिए
श्रद्धा का प्रभु जी फल चाहिए
तुम प्रभु हो आशीर्वाद अटल चाहिए

मिले आपका जब हमें सहारा
हर पल लगने लगे प्यारा
हमेशा रहें हम आपके भक्त
आप ही सूरज चाँद आप ही तारा

ध्यान कर प्रभु का अपरम्पार सिद्धि मिले
मन से भय दूर हो अपार शक्ति मिले