हीरों की कहानी ( Tenali Rama Story for kids in hindi )

Diamond story in hindi

राजा कृष्णदेवराय के दरबार में तेनालीराम नाम के मंत्री थे, जो कुशल और समझदार व्यक्ति थे। एक बार महाराज के सामने न्याय करना मुश्किल हो गया। ऐसे में तेनाली राम ने सूझबूझ से काम लिया और राजा की उलझन सुलझाई।

एक दिन रामदेव नाम का एक व्यक्ति राजमहल में आया और न्याय की गुहार लगाने लगा। राजा ने उससे पूछा कि क्या मामला है, तो रामदेव ने बताया कि वो कल अपने मालिक के साथ कहीं जा रहा था, तो उसे रास्ते में एक पोटली मिली जिसमें दो चमकते हीरे थे। मैंने हीरे देखकर कहा कि मालिक इन हीरों पर राज्य का अधिकार है, इसलिए इन्हें राजकोष में जमा करा देते हैं। यह बात सुनकर मालिक भड़क पड़ा और बोला कि हीरे मिलने की बात किसी को बताने की जरूरत नहीं है। इसमें से एक मैं रख लूंगा और एक तुम रख लेना। यह बात सुनकर मेरे दिल में लालच आ गया और मैं अपने मालिक के साथ उनकी हवेली लौट आया। हवेली आकर मालिक ने मुझे हीरे देने से इनकार कर दिया। महाराज मुझे न्याय दीजिए।

Tenali Rama small kids story in hindi

रामदेव का दुखड़ा सुनकर, महाराजा ने तुरंत मालिक को दरबार में पेश होने का आदेश दिया। रामदेव का मालिक बहुत कपटी था। दरबार में आकर बोला कि महाराज यह बात सच है कि हमें हीरे मिले थे, लेकिन वो मैंने रामदेव को दे दिए थे। मैंने रामदेव को आदेश दिया था कि इन हीरों को राजकोष में जमा करा देना। रामदेव के मन में लालच है, इसलिए वह झूठी कहानियां बना रहा है।

तेनालीराम की कहानी- हीरों का सच | Tenali Rama Stories In Hindi -Diamond Story In Hindi
Tenali Rama Story for kids in hindi

महाराज बोले कि इसका क्या सबूत है कि तुम सच बोल रहे हो। रामदेव का मालिक बोला कि हुजूर आप बाकी के नौकरों से पूछ लीजिए, ये सभी वहां मौजूद थे। जब राजा ने अन्य तीन नौकरों से पूछा, तो उन्होंने भी यही कहा कि हीरे रामदेव के पास हैं। अब राजा बड़ी दुविधा में फंस गए। उन्होंने सभा खत्म कर दी और कहा कि फैसला कुछ समय बाद सुनाया जाएगा।

राजा ने भीतर अपने कमरे में अपने सभी मंत्रियों से सलाह मांगी। किसी ने कहा कि रामदेव ही झूठा है, तो कोई बोला कि रामदेव का मालिक दगाबाज है। राजा ने तेनाली राम की ओर देखा जो अब तक शांत खड़े थे। राजा ने पूछा तुम्हारा क्या विचार है तेनालीराम।

Tenali Rama hindi story

तेनालीराम बोले कि अभी दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा, लेकिन आप सभी को कुछ समय के लिए पर्दे की पीछे छुपना होगा। राजा इस मामले को जल्दी से जल्दी सुलझाना चाहते थे, इसलिए वह पर्दे के पीछे छुपने के लिए राजी हो गए।

अब शाही कमरे में सिर्फ तेनालीराम नजर आ रहे थे। उन्होंने अपने सेवक को आदेश दिया कि तीनों नौकरों को एक एक करके मेरे सामने पेश किया जाए। सेवक पहले नौकर को लेकर हाजिर हो गया। तेनालीराम ने उससे पूछा, “क्या तुम्हारे सामने तुम्हारे मालिक ने रामदेव को हीरे दिए थे।” गवाह ने हामी भरी। अब तेनालीराम ने उसे एक कागज और कलम देकर कहा, “तुम उस हीरे का चित्र बनाकर दिखाओ।”

नौकर घबरा गया और बोला, “जब मालिक ने रामदेव को हीरे दिए, तब वो लाल थैली में थे।” तेनाली राम ने कहा, “अच्छा चलो तुम यही खड़े रहो।” इसके बाद दूसरे नौकर को बुलाने का आदेश दिया गया। दूसरे नौकर से भी तेनाली राम ने यही पूछा, “अगर तुमने हीरे देखे थे, तो उनका चित्र बनाकर दिखाओ।” नौकर ने कागज लेकर उस पर दो गोल-गोल आकृतियां बना दीं।

Tenali Rama small kids hindi story

अब तीसरे नौकर को बुलाया गया, उसने कहा, “हीरे भोजपत्र से बने एक लिफाफे में थे, इसलिए मैंने उन्हें नहीं देखा।” इतने में महाराजा और बाकी मंत्री पर्दे से बाहर निकल कर आ गए। उन्हें देखकर तीनों नौकर घबरा गए और समझ गए कि अलग-अलग जवाब देने से उनका झूठ पकड़ा जा चुका है। वो राजा के पैरों में गिर पड़े और बोले कि उनका कोई कसूर नहीं है, बल्कि मालिक ने ही उन्हें झूठ बोलने को कहा था, नहीं तो जान से मारने की धमकी दी थी।

गवाहों की बात सुनकर महाराज नेआदेश दिया कि इनके मालिक के घर की तलाशी ली जाए। तलाशी लेने पर दोनों हीरे मालिक के घर से मिल गए। इस बेईमानी के कारण उसे 1 हजार स्वर्ण मुद्राएं रामदेव को देने का आदेश दिया गया और 20 हजार स्वर्ण मुद्रा का जुर्माना भी लगाया गया। इस तरह तेनाली राम की होशियारी से रामदेव को न्याय मिला और वो राजा के दरबार से खुश होकर लौटा।

hire ki kahani tenali ram, tenali hindi story hira ki kahani, tenali ram story in hindi, tenali rama best stories in hindi,
Tenali Rama small kids hindi story

कहानी से सीख
झूठ ज्यादा समय तक छिपा नहीं रह सकता। इसलिए, कभी झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए। साथ ही लालच का परिणाम हमेशा बुरा ही होता है।