महात्मा ज्योतिबा फूले जन आरोग्य योजना पर निबंध

महात्मा ज्योतिबा फूले जन आरोग्य योजना क्या है और उसकी पात्रता क्या होती है और उसके साथ साथ हम आपको यही बताएंगे के कौन-कौन से हॉस्पिटल से इसका इलाज किया जाता है महात्मा ज्योतिबा फूले जन आरोग्य योजना का नाम पहले राजीव गांधी जीवनदायनी आरोग्य योजना था।

वर्तमान केंद्र सरकार ने राजीव गांधी जीवनदाई आरोग्य योजना का नाम बदलकर महात्मा ज्योतिबा फूले जन आरोग्य योजना कर दिया। इस योजना को कांग्रेस की महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सुनील शेट्टी ने आरंभ किया था इस योजना से बहुत लोगों को फायदा पहुंचा था इसीलिए और राज्य में भी शुरू की गई थी।

Mahatma Jyotiba Phule Jan Arogya Yojana

इस योजना के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक कॉल सेंटर बनाने की योजना की है इसकी सहायता से ज्योतिबा फूले जन आरोग्य योजना को ठीक ढंग से कार्य करने को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा। Mahatma Jyotiba Phule Jan Arogya Yojana में कुछ नये बदलाव किए जा रहे हैं इसके तहत किडनी ट्रांसप्लांटेशन की सहायता राशि जो पहले 2.5 लाख थी लेकिन अब उसे बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दिए गए हैं और इसके अलावा हर परिवार पर इलाज का खर्चा 1.5 लाख रुपए था जिसे बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दिया गया है  इसमें 971 रोगों के ऑपरेशन किए जाते थे लेकिन अब इसमें 1034 तरह के ऑपरेशन किए जाएंगे।

पहले इसमें प्लास्टिक सर्जरी हृदय रोग मोतियाबिंद और कैंसर जैसे ऑपरेशन किए जाते थे लेकिन आप अब कुछ और ऑपरेशन भी शामिल किए गए हैं जैसे घुटने कूल्हा का प्रत्यारोपण डेंगू स्वाइन फ्लू पीडियाट्रिक सर्जरी सिकल सेल एनीमिया।

महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना का उद्देश्य

महात्मा ज्योतिबा फूले जन आरोग्य योजना का मुख्य उद्देश्य महाराष्ट्र राज्य की गरीब जनता जो आर्थिक रूप से कमजोर है उनके इलाज की जिम्मेदारी राज्य सरकार ने उठाने का निर्णय लिया है इसके तहत जो 14 जिलों को शामिल किया गया है इसमें किसी भी तरह के राशन कार्ड के साथ उन किसानों को शामिल किया गया है जो किसी प्राकृतिक आपदा का शिकार हैं और उनकी आर्थिक सहायता काफी कमजोर है ऐसे गरीब लोगों के लिए महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के अंतर्गत महंगी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं जैसे सर्जरी ट्रांसप्लांटेशन थेरेपी। इन सभी बीमारियों के लिए हैं महाराष्ट्र राज्य के सरकारी अस्पतालों को सलेक्ट किया गया है।

महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के मुख्य तथ्य

  • इस योजना के अंतर्गत देश के लोगो को स्वास्थय सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएगी।
  • देश के नागरिको को इस योजना के अंतर्गत हॉस्पिटल में इलाज के लिए सहायता धनराशि प्रदान की जाएगी।
  • महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के अंतर्गत किडनी ट्रांसप्लांटेशन के लिए 3 लाख रुपए कर दिए जायेगे और हर परिवार पर इलाज के लिए दो लाख रूपये दिए जायेगे।
  • इस योजना के तहत पहले इसमें प्लास्टिक सर्जरी हृदय रोग मोतियाबिंद और कैंसर जैसे ऑपरेशन किए जाते थे लेकिन आप अब कुछ और ऑपरेशन भी शामिल किए गए हैं जैसे घुटने कूल्हा का प्रत्यारोपण डेंगू स्वाइन फ्लू पीडियाट्रिक सर्जरी सिकल सेल एनीमिया।

MJPJAY की पात्रता

महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना मैं पंजीकरण के लिए पात्रता इस प्रकार है।

  • आर्थिक रूप से कमजोर गरीब परिवार की कुल आय ₹1 लाख सालाना से कम होनी चाहिए।
  • महाराष्ट्र के 36 जिलों में रहने वाले गरीब परिवार जिनके पास यह येलो या ऑरेंज राशन कार्ड हो और उनके बच्चे दो से अधिक ना हो वो इस के पात्र होंगे।
  • वह किसान जो किसी प्राकृतिक आपदा से ग्रस्त हैं होगी इसके पात्र होंगे इन्हें महाराष्ट्र के 14 जिलों को शामिल किया गया है।
  • आवेदक परिवार को महाराष्ट्र राज्य का नागरिक होना आवश्यक है।

MJPJAY योजना के लिए जरूरी कागजात 

Mahatma Jyotiba Phule Jan Arogya Yojana में आवेदन के लिए जरूरी कागजात जिनको नीचे बता रहे हैं।

  • सरकारी डॉक्टर द्वारा दिया गया बीमारी का सर्टिफिकेट 
  • आवेदक के तीन पासपोर्ट साइज फोटो 
  • आधार कार्ड 
  • राशन कार्ड
  • आय प्रमाण पत्र 
  • आयु प्रमाण पत्र
  • शहर में रहने वाले लाभार्थियों के लिए अपने करीब के सदर अस्पताल में जांच करानी होगी।
  • गांव के अभ्यर्थियों के लिए सरकारी स्वास्थ्य शिविर जाकर अपनी बीमारी की जांच करानी होगी।
  • इसके बाद आवेदक को अपनी बीमारी के स्पेशलिस्ट डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कराना होगा।
  • बीमारी की पुष्टि हो जाने के बाद बीमारी का विवरण और खर्चे की डिटेल आरोग्य मित्र द्वारा पंजीकृत कर लिया जाएगा।
  • बिमारी का खर्चा आने जाने का खर्चा अस्पताल और डॉक्टर खर्चा इन सबको इस योजना के पोर्टल पर ऑनलाइन एंट्री कर ली जाएगी।
  • यह प्रक्रिया 24 घंटे के अंदर पूरी कर दी जाती है।
  • इसके बाद रोगी का इलाज शुरू कर दिया जाता है और ट्रीटमेंट के दौरान बीमारी से संबंधित किसी प्रकार का खर्चा नहीं लिया जाता।