गरीब की मदद | Gariv ki madad Kids Story In Hindi

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नमस्कार दोस्तों हम फिर से हाजिर हैं एक नई कहानी के साथ । इस कहानी का नाम (गरीब की मदद | Gariv ki madad Kids Story In Hindi) है ।

जैसा की आपको हमने अपनी पिछली कहानी ” ऊंट और व्यापारी की कहानी ” मे अच्छी सीख दी । उसी तरह इस कहानी मे भी कुछ अच्छा और मजेदार जाने को मिलेगा । कहानी को पूरा पढ़ें ।

गरीब की मदद | Gariv ki madad Kids Story In Hindi

एक दिन की बात है रोहन अपने मां और पापा के साथ बाजार से लौट रहा होता है पापा गाड़ी चलाते-चलाते रोहन का मन पसंदीदा गाना बजाते हैं।

और मां रोहन के लिए जो कपड़े लिए थे उनकी तारीफ कर रही थी । गाड़ी सड़क पर धीमी गति से अपने घर की दिशा की ओर जा रही थी ।

ऐसे में सड़क के किनारे रोहन ने देखा कि इस सर्दी के मौसम में एक बूढ़ा ठंड के मारे ठिठुर रहा है और उसके शरीर पर अच्छे कपड़े भी नहीं थे ।

Gariv ki madad Kids Story In Hindi
Gariv ki madad Kids Story In Hindi

रोहन ने अपने पापा से कहा पापा देखो देखो यह बूढ़ा सर्दी की वजह से कहीं मर ना जाए उसके पापा ने फौरन गाड़ी रोक दी ।

और नीचे उतर आए तभी रोहन के पापा ने अपनी पत्नी से कहा क्यों ना हम लोग इस बूढ़े को अपनी गाड़ी में रखें हुए उस कंबल को दे दें ।

तभी रोहन की मां गुस्से में बोली अरे वह इतना महंगा कंबल इसे क्यों देना और वैसे भी यह बूढ़ा उसे बेचकर पैसे खर्च में उड़ा देगा अरे यह लोग बहुत ढोंगी होते हैं ।

लेकिन रोहन के पापा गाड़ी की डिग्गी खोलकर कंबल लेकर उस बूढ़े व्यक्ति को देते हैं और बूढ़ा व्यक्ति कंबल को पाकर बहुत खुश हो जाता है फिर रोहन की मां और पापा रोहन सभी गाड़ी में बैठ कर अपने घर के लिए निकल जाते हैं।

दूसरे दिन रोहन के पापा अपने दोस्त के यहां शादी में जाते हैं । और मध्य रात्रि के समय उसी रास्ते से होकर लौट रहे होते हैं वही बूढ़ा व्यक्ति वहीं पर बैठा था ।

परंतु उसके पास कंबल नहीं था यह देख रोहन की मां आग बबूला होकर बोली मैंने तुमसे पहले ही कहा था यह लोग एक नंबर के ढोंगी होते हैं दोनों गाड़ी के दरवाजों को तेजी से बंद करके बूढ़े के पास पहुंच जाते हैं ।

और रोहन की मां तेज स्वर में बूढ़े से कहती है क्यों बाबा कल जो कंबल दिया था वह कहां है क्या बेचकर कोई नशे का सामान ले आए बूढ़े नहीं यह सुनकर दूर लेटी हुई हुई बुढ़िया की तरफ इशारा किया।

Gariv ki madad Kids Story In Hindi
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और कहा बेटा देख रहे हो इस वृद्ध बुढ़िया को यह चल फिर नहीं सकती अपंग है और इसके कपड़े भी फटे हुए हैं लोग भीख देते वक्त गलत नजरों से बूड़िया को देखते हैं।

यही कारण है कि मैंने अपना कंबल उस बुढ़िया को दे दिया यह सब सुनकर रोहन की मां को अपने कहे शब्दों पर बहुत पछतावा होता है ।

वह अपने पति की ओर देखते हुए कहती है अजी घर पर एक और कंबल रखा है लाकर इन बाबा को देते हैं

कहानी से सीख

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि बिना जाने हमें किसी को गलत नहीं समझना चाहिए तथा हमेशा जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।

एक बात हमेशा याद रखिए उस ऊपर वाले ने आपको देने वाला बनाया है आज की कहानी बस इतनी सी मिलते हैं फिर एक नई कहानी के साथ आपको यह कहानी कैसी लगी कमेंट कर हमें अवश्य बताएं।

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आखिरी शव्द – Gariv ki madad Kids Story In Hindi

हमे उम्मीद है आपको यह कहानी “(Gariv ki madad Kids Story In Hindi)” पसंद आई होगी । अगर आपका कोई भी सवाल है तो हमे कॉमेंट मे लिख कर भेज दीजिए ।

धनवाद आपका ।